प्रेमिका की बेटियों का ‘सौदा’ करने वाला गिरफ्तार, पुलिस ने मां को दिया सुधरने का एक मौका
प्रेमिका की बेटियों का सौदा करने वाले प्रदीप थापा को गुलरिहा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बड़ी बेटी की तहरीर पर गुलरिहा पुलिस ने प्रदीप के खिलाफ रेप, धमकी और पाक्सो एक्ट में केस दर्ज किया था। गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया। उधर, बच्चियों की मां को एक बार सुधरने का मौका देते हुए पुलिसवालों ने उसकी काउंसलिंग शुरू की है। पुलिस की कोशिश है कि मां अपनी बेटियों के साथ रहे और वह स्वयं उनकी देखभाल करे।
गुलरिहा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने सात दिसम्बर को अपना घर को बेच दिया और अब अपनी दो बेटियों को बेचने के बाद पांचवें प्रेमी के साथ रहने की तैयारी कर रही थी। उसके प्रेमी प्रदीप थापा ने नेपाल में ले जाकर बच्चियों को बेचने की तैयारी की थी। बच्चियों को इसकी भनक लग गई थी लिहाजा वह घर से बाहर नहीं निकल रहीं थीं। प्रदीप की उन पर गलत नजर थी। वह उनके साथ गलत काम भी करता था। घर से निकाल कर नेपाल ले जाने के लिए उसने कई बार प्रयास किया। धमकी भी दी लेकिन बच्चियों ने जाने से मना कर दिया। उन्होंने ग्राम प्रधान सहित अन्य लोगों को जानकारी दी जिसके बाद मां और उसका प्रेमी कामयाब नहीं हो पाया। इस बीच पुलिस से भी उन्हें सुरक्षा मिल गई।
पुलिस ने बड़ी बेटी की तहरीर पर प्रदीप थापा पुत्र मान बहादुर थापा निवासी दीपनगर थाना बुटवल जिला रुपनकोर्ट नेपाल के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा दर्ज किया। गुलरिहा थाना प्रभारी मनोज कुमार राय,उपनिरीक्षक रामकेश, कास्टेबल भूपेन्द्र सिह,आजाद अली की टीम ने गुलरिहा क्षेत्र के एक मुर्गी फार्म से बच्ची की मां व प्रेमी दोनों को पकड़ लिया। गुलरिहा पुलिस ने बच्ची का मेडिकल कराया वहीं नाबालिग होने के नाते 3/4पाक्सो एक्ट की धार भी बढ़ाई गई।
पिता कर चुका है खुदकुशी
बच्चियों के पिता की मौत पांच साल हो चुकी थी। पिता ने घर में ही फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। ग्रामीणों के मुताबिक पत्नी की हरकतों से तंग आकर उसने यह कदम उठाया था।
बैठक में उठा मुद्दा, फिर बना सुरक्षा खाका
बच्चियों को बेचने का मामला बाल किशोर न्याय पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की बैठक में उठा था। बताया गया कि मां ने घर बेच दिया है और बेटियों को बेचने की आशंका है। जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने मकान बेचे जाने के मामले में पैरवी के लिए अधिवक्ता के इंतजाम की बात कही। वहीं बीएसए की प्रतिनिधि ने कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में दाखिले के लिए कहा तो पुलिस ने सुरक्षा का जिम्मा लिया।
यह हो रहा है
एसपी क्राइम ने देखरेख को बनाई 11 लोगों की कमेटी
रजिस्ट्री रद्द कराकर बच्चियों को घर लौटाने की तैयारी
थाने से महिला और पुरुष सिपाही रोजाना ले जानकारी
ग्राम प्रधान कर रहे हैं बच्चियों के खाने-पीने की व्यवस्था
घर की साफ-सफाई हुई, सीसी कैमरा भी लगाने की तैयारी
सुबह-शाम एसओ करते हैं घर की निगरानी, लेते हाल-चाल
बच्चियों की सुरक्षा और शिक्षा मेरी प्राथमिकता में है। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में इस सत्र से उनका एडमिशन कराया जाएगा। आवासीय विद्यालय में रहने के साथ सभी सुविधाएं मिलेंगी।
सर्वजीत सिंह, प्रोबेशन अधिकारी
बच्चियों के प्रति की पुलिस की सक्रियता सराहनीय है। उनका सौदा किया गया है तो मां और प्रदीप के खिलाफ आईपीसी 370 एव आईटीपीए सेक्शन 5 और 7 के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए। नाबालिग का मामला है 366 ए भी लगाया जाना चाहिए, नाबालिग बच्चियों का कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन कराना चाहिए।उनके समन्वित विकास के लिए प्रयास करना चाहिए पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा मिलना चाहिए। इस तरह के केस को एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंप देना चाहिए। जिसकी विवेचना वो स्वयं करे ,जिला प्रोबेशन अधिकारी बाल कल्याण समिति एव बाल संरक्षण अधिकारी को आगे आकर, आपस मे समन्वय बनाकर पहल करनी चाहिए।
राजेश मणि, निदेशक,मानव सेवा संस्थान सेवा,पूर्व बाल कल्याण समिति सदस्य
बेटियों को अगर मां पसंद करती तो वह उन्हें छोड़कर क्यों जाती? वह अपने प्रेमी के साथ उनका सौदा क्यों करती? बेटियां भी अपनी मां को पसंद नहीं करती हैं। अगर प्रशासन बेटियों के साथ मां को रखता है तो यह उसकी जिम्मेदारी होगी मैं जिम्मेदारी नहीं ले पाऊंगा।
ग्राम प्रधान
बड़ी बहन की तहरीर पर केस दर्ज कर आरोपित प्रदीप को जेल भेज दिया गया। बच्चियों की मां की काऊंसलिंग की जा रही है। उसके मन में ममता पैदा की जा रही है। अगर वह तैयार होती है तो उसी की सुपुदर्गी में बच्चियों को रखा जाएगा। वरना पुलिस की निगरानी में तो वे हैं ही।