14 छात्राओं केे बीमार होने की घटना केे बाद सीएमओ ने कहा,फाइलेरिया की दवा सेे नहीं हो सकता नुकसान

14 छात्राओं केे बीमार होने की घटना केे बाद सीएमओ ने कहा,फाइलेरिया की दवा सेे नहीं हो सकता नुकसान


गोरखपुर के पिपराइच के मदरसे में फाइलेरिया की दवा के सेवन के बाद 14 छात्राओं के बीमार होने की घटना ने स्वास्थ्य विभाग को बैकफुट पर ला दिया है। विभाग ने गुरुवार को एडवाइजरी जारी की। अधिकारियों ने ताकीद की है कि कोई भी खाली पेट दवा का सेवन न करें। दवा खाने के बाद अगर तबीयत खराब हो तो समझें शरीर में फाइलेरिया का पैरासाइट है।


सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने कहा कि सभी लोग निश्चिंत होकर फाइलेरिया रोधी दवा खाएं। इस दवा से कोई नुकसान नहीं होता है। इस दवा के सेवन के बाद से परेशानी सिर्फ उन्हीं लोगों को होती है जिनके भीतर फाइलेरिया के वाहक माइक्रोफाइलेरिया मौजूद हैं। दवा के असर से उनका खात्मा होने लगता है। ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर सीएचसी-पीएचसी पर रैपिड रिस्पांस टीम बनी हुई है जो फौरन मदद कर रही है। दवा से होने वाली परेशानी चिंता की बात नहीं है।


खाली पेट न करें दवा का सेवन
सीएमओ ने बताया कि दवा का खाली पेट सेवन न करें। दवा टीम के सामने ही खाएं।  दवा गर्भवती, गंभीर रूप से बीमार लोगों और 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं खिलानी है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के पेट में कीड़े होते हैं या फिर शरीर में माइक्रोफाइलेरिया मौजूद हैं उन्हें मीचली आने, जी घबराने, तबीयत ठीक न होने, उल्टी होना, शरीर पर चकत्ते पड़ना, तेजी से दिल थड़कने जैसे कोई भी लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। ऐसे में टीम को फौरन बताना चाहिए ताकि तुरंत रैपिड रिस्पांस टीम बुलाई जा सके। आवश्यक होने पर 108 नंबर एंबुलेंस से भी सहायता दी जाएगी। 


20 साल तक शरीर में रहते हैं पैरासाइटस
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एके पाण्डेय ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर के जरिए वाउचेरिया ब्राक्फटाई पैरासाइट का संक्रमण होता है। यह पैरासाइट फाइलेरिया का वाहक है जो गंदे जल में पाया जाता है। यह 20 साल तक शरीर में रहते हैं। अगर पांच साल तक डाईइथाइल कार्बामाजिन साइट्रेट (डीईसी) नामक दवा का सेवन एल्बेंडाजोल गोली के साथ किया जाए तो इस बीमारी से प्रतिरक्षित हो सकते हैं।