मातृभाषा में शिक्षा पाठ्यक्रमों का वैज्ञानिक एवं नवाचारी प्रयोग बढ़ाएं

मातृभाषा में शिक्षा पाठ्यक्रमों का वैज्ञानिक एवं नवाचारी प्रयोग बढ़ाएं


शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रांत संयोजक एवं पूर्णकालिक प्रवासी कार्यकर्ता समीर कौशिक ने कहा कि शिक्षा अपने मूल रूप में सामाजिक प्रक्रिया है। इसलिए प्रत्येक राष्ट्र अपने समाज की स्थिरता अथवा विकास के लिए शिक्षा के प्रति सचेत एवं सजग है। आह्वान किया कि अपनी मातृभाषा आधारित शिक्षा पाठ्यक्रमों का वैज्ञानिक एवं नवाचारी प्रयोग बढ़ाएं। यह तभी संभव होगा जब हम स्वयं प्रयोग करेंगे और जिम्मेदारी के साथ इसे आगे बढ़ाएंगे। 


संगोष्ठी
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रांत संयोजक समीर कौशिक बोले
सरस्वती विद्या मंदिर महिला पीजी कॉलेज में नए विकल्प-मातृभाषा, पर्यावरण संवर्धन एवं उपादेयता विषयक संगोष्ठी सम्पन्न


समीर कौशिक, बुधवार को शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास गोरक्ष प्रांत के तत्वावधान में सरस्वती विद्या मंदिर महिला पीजी कॉलेज आर्य नगर गोरखपुर के सभागार में  जनपद स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के गोरक्ष प्रांत और पड़ोसी जनपद के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि समाज में प्रेरणास्रोत बन कर समाज हित के लिए कार्य करें। जनमानस को न्यास के विचारों और दैनिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए सेतु की तरह कार्य करें। संगोष्ठी के विषय,‘नए विकल्प - मातृभाषा, पर्यावरण संवर्धन एवं उपादेयता’ पर संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास गोरक्ष प्रांत के संयोजक डॉ विनय कुमार मिश्र ने कहा कि शिक्षा एवं संस्कार मात्र सरकार का दायित्व है। यह धारणा भारत में कभी नहीं रही है लेकिन शिक्षा का दायित्व समग्र समाज का है। इस कारण समाज के श्रेष्ठ जन को आगे आकर श्रेष्ठ भारत के पुनर्निर्माण में अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने  निर्माण के बदले पुनर्निर्माण शब्द का प्रयोग करने पर बल दिया। कहा कि पूर्व में हमारा राष्ट्र सर्वश्रेष्ठ से सक्षम समृद्धि और संपन्न तथा सारी व्यवस्थाएं भी श्रेष्ठ थी। न्यास के विभाग प्रमुख डॉ. नवीन मिश्र ने कहा कि सृजनात्मक क्षमता के लिए तकनीकी अन्वेषण की आवश्यकता है। सुझाव दिया कि व्यक्ति को निरंतर बेहतर करने के लिए प्रयासरत होना चाहिए। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास भारतीय भाषा मंच प्रमुख त्रिपाठी, पर्यावरण संवर्धन प्रमुख डॉ सुधीर मिश्र ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी का संचालन गोरक्ष प्रांत के चरित्र निर्माण प्रकल्प के संयोजक बृजेश मणि मिश्र ने किया। संगोष्ठी में डॉ. रोहित कुमार मिश्र , डॉ.अभिषेक पांडे, डॉ.  प्रागेश मिश्र प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।